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धार्मिक
चैत्र शुक्ल पक्ष पूर्णिमा को श्रीहनुमान जन्मोत्सव: बाबा-भागलपुर
चैत्र शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मध्यान में त्रैतायुग में माता अंजनी
के गर्भ से श्रीहनुमान जी अवतरित हुये, इसलिए भगवान श्रीराम से सात दिनों
के छोटे हैं, सर्वश्रेष्ठ भक्त महावीर श्रीहनुमान। इस सम्बन्ध में अन्तर
राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त ज्योतिष योग शोध केन्द्र, बिहार के
संस्थापक दैवज्ञ पंo आरo केo चौधरी उर्फ बाबा-भागलपुर, भविष्यवेता एवं
हस्तरेखा विशेषज्ञ ने सुगमतापूर्वक बतलाया कि:- इस वर्ष 19 अप्रैल 2019
(शुक्रवार) को चैत्र शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि है। इसलिए इसी दिन
सम्पूर्ण भारत में श्रीहनुमान जन्मोत्सव मनाया जाएगा। पौराणिक कथानुसार
बाबा-भागलपुर ने कहा कि एक बार भगवान वानरों के बीच में बैठे थे, सोचने लगे
हनुमान तो अपने मुख से स्वयं कहेगा नहीं इसलिए हनुमान की बड़ाई करते हुए
बोले:- हनुमान तुमने इतना बड़ा सागर लांघा जिसे कोई नहीं लांघ सका।
हनुमान जी बोले: - प्रभु इसमें मेरी क्या बिसात! प्रभु मुद्रिका मेल मुख माही। आपके नाम की मुंद्रिका ने पार लगाया।।
भगवान
बोले:- अच्छा हनुमान चलो मेरी नाम की मुंद्रिका ने उस पार लगाया फिर जब
तुम लौटे तब तो मुंद्रिका जानकी को दे आये थे, फिर लौटते में तो नहीं थी
फिर किसने पार लगाया? इस पर हनुमान जी बोले - प्रभु आपकी कृपा (मुंद्रिका)
ने उस पार किया और माता सीता की कृपा ने (चूड़ामणि) इस पार किया।
भगवान ने मुस्कराते हुए पूछा -और लंका कैसे जली?
हनुमान
जी बोले:- लंका को जलाया आपके प्रताप ने लंका को जलाया रावण के पाप ने
लंका को जलाया माँ जानकी के श्राप ने। यह सुनते ही भगवान श्रीराम ने
मुस्कराते हुए घोषणा की - हे हनुमान तुमने यश छोड़ा है, इसलिए न जाने
तुम्हारा यश कौन-कौन गायेगा।
सहस बदन तुम्हारो यश गावे
सारा जगत तुम्हारा यश गायेगा।
कहना यह है साधकजनों जो इन तीनो को छोड़ता है, भगवान फिर उसे नहीं छोड़ते सदा अपने साथ रखते है।
सर्वश्रेष्ठ भक्त श्री महावीर जी को मेरा कोटिशः प्रणाम।
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