
पटना, (रिर्पोटर) :जन अधिकार पार्टी लोकतांत्रिक के
राष्ट्रीय प्रधान महासचिव एजाज़
अहमद ने कहा कि महागठबंधन के नेताओं को
अपने जनाधार पर इतना ही घमंड है तो वह 40
में से सिर्फ एक सीट पर ही क्यों जीत सके । शायद इन नेताओं को इस
बात का गुमान था की उनके द्वारा जो गठबंधन बनाया गया है उससे उन्हें जातीय गोलबंदी
करके वोट मिल जायेगा, लेकिन उसका परिणाम जब सामने आया तो अब
पश्चाताप के अलावा इनके पास कुछ भी रह नही
गया है । हद तो यह की चुनाव परिणाम के बाद नेता प्रतिपक्ष ही पूरे सीन से गायब हैं ,जिसका सेनापति और
नेतृत्वकर्ता एक हार से ही अपना मनोबल तोड़ दे और रणछोड़ हो जाए उससे आगे
बिहार की जनता क्या उम्मीद कर सकती है ? जहां तक पप्पू यादव
और जन अधिकार पार्टी का सवाल है जनता के बीच में जनता के हक और हुकूक की लड़ाई
पूरी मजबूती के साथ अगर कोई पार्टी बिहार
में लड़ रहा है तो उस पार्टी का नाम जन अधिकार पार्टी है । चाहे चमकी बुखार
में बच्चों की हुई मौत का मामला हो ,या लू से हुई मौत ,या बाढ और सुखाड़ का मामला हो इसमें अगर सबसे पहले जमीनी सतह पर अगर किसी
नेता और पार्टी ने काम किया है तो उसका नाम पप्पू यादव और जन अधिकार पार्टी है।
एजाज ने आगे कहा कि
मुकेश साहनी जी आप स्वयं अपने बारे में सोचे कि आगे उनकी राजनीति का भविष्य क्या
होगा ,
क्योंकि जिस पर आप सिंगार कर रहे थे वही आपको कहीं सीन में जनता के
बीच दिखाई नहीं दे रहा है , तो आगे महागठबंधन का क्या होगा
भविष्य यह स्वयं आप लोग जानते हैं ।अगर भविष्य की चिंता नहीं होती तो महा गठबंधन
के सारे नेता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को
लगातार महागठबंधन में आने का नेता क्यों दे रहे हैं ?क्या आप
सभी को तेजस्वी यादव के नेतृत्व पर से
विश्वास उठ गया है ? जो नीतीश और जदयू के प्रति उदारता दिखा रहे हैं ,इससे
यह स्पष्ट होता है कि अपने भविष्य की चिंता में आप सभी लोग दुबले हो रहे हैं। जहाॅ
पप्पू यादव का चुनाव के बाद आम जनों के बीच जो क्रेज़ बना है उससे आप लोगों के
अंदर घबराहट पैदा हो गई है और इसी घबराहट का परिणाम है कि पप्पू यादव का बिना नाम
लिए अब आप लोगो कि राजनीति रही है। पप्पू
यादव आम लोगों के दिलों में रच बस गया है ,
इसलिए महागठबंधन के नेता आज ना कल बिना पप्पू यादव के बिहार में
राजनीति नहीं कर सकते हैं ऐसा बिहार में राजनीतिक वातावरण तैयार हो रहा है।
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