
पटना, (रिर्पोटर) : उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने ट्वीट कर कहा कि अर्थव्यवस्था में मंदी के जो संकेत मिले हैं,वे स्थायी नहीं हैं, लेकिन केंद्र सरकार ने तेजी लाने के लिए जो 32 सूत्री उपाय घोषित किये हैंए उनके लाभ दूरगामी और स्थायी होंगे। दस सरकारी बैंकों का विलय कर चार बड़े बैंक बनाना भी अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने वाला कदम है। नई व्यवस्था में बड़े बैंकों की कर्ज देने की ताकत ज्यादा होगी और उनके बोर्ड अधिक स्वायत्तता प्राप्त होंगे। जिनको सरकार की हर पहल में खोट दिखती है, वे अर्थव्यवस्था के बारे में भी भय का माहौल बनाना चाहते हैं।
श्री मोदी ने कहा कि यूपीए सरकार के दस साल में अमीरों को मनमाने ढंग से कर्ज देने की वजह से बैंकों की हालत इतनी खराब हो गई थी कि छोटे व्यापारियों और मध्यम वर्ग के लिए कर्ज मिलना कठिन हो गया था। प्रियंका गांधी को बैंकों के बारे में बोलने से पहले ध्यान रखना चाहिए कि अर्थशास्त्री मनमोहन सिंह की सरकार के समय 10 लाख करोड़ का एनपीए घोटाला हुआ था और बैंक अब तक उससे उबर नहीं पाए हैं। जिन्होंने चूना लगायाए वही अब शोर मचा रहे हैं।
श्री मोदी ने कहा कि कभी लालू प्रसाद गरीबों की बस्ती में जाकर उनके बच्चों को नहलाते थे। एक महिला डीएम को भी इस तरह के गरीब-नवाज स्टंट शो में लगाया गया था। अब तेजप्रताप यादव को लगता है कि वे भी पिता के जमाने के पुराने सिक्के चला लेंगे। लालू प्रसाद की नौटंकी एक बार चल गई क्योंकि उस समय तक तक चारा घोटाला, अलकतरा घोटाला, रेलवे होटल के बदले जमीन घोटाला और परिवार की अथाह बेनामी सम्पत्ति का पता नहीं चला था। लोग लालू परिवार के गरीब प्रेम की असलियत जान चुके हैं।
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